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प्रो. सुवर्चा चौहान स्टैनफोर्ड की टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची में शामिल

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की 2025 सूची में प्रो. सुवर्चा चौहान टॉप 2% वैज्ञानिकों में शामिल
35 वर्षों का अनुभव, 190 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित
17 पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन और चार शोध परियोजनाएं पूरी कीं


हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के रसायन शास्त्र विभाग की प्रो. (सेवानिवृत्त) डॉ. सुवर्चा चौहान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई वैश्विक टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची 2025 में स्थान मिला है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत शोध कार्यों की मान्यता है, बल्कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की अकादमिक साख को भी वैश्विक स्तर पर और मजबूत करती है।

डॉ. चौहान का अकादमिक और शोध अनुभव लगभग 35 वर्षों से अधिक का है। उन्होंने 190 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पीयर-रिव्यूड जर्नल्स में प्रकाशित किए हैं। उनके शोध का मुख्य केंद्र विभिन्न नैनो मैटेरियल्स का निर्माण और उनके अनुप्रयोग रहा है। इसके अलावा, उन्होंने दवाओं, सर्फेक्टेंट्स और जैविक दृष्टि से सक्रिय यौगिकों की सॉल्यूशन केमिस्ट्री पर भी गहन शोध किया है।

उनके कार्य को अनेक शोधकर्ताओं ने उल्लेख और सराहना दी है। डॉ. चौहान कई अंतरराष्ट्रीय जर्नलों के लिए रिव्यूअर भी रही हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने शोध कार्य को देश और विदेश के अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत किया है।

शैक्षणिक मार्गदर्शन की दृष्टि से भी डॉ. चौहान ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने अब तक 17 पीएचडी विद्यार्थियों का सफल मार्गदर्शन किया है और चार शोध परियोजनाएं भी सफलतापूर्वक पूरी की हैं। उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने उन्हें बेस्ट रिसर्चर अवार्ड से सम्मानित किया था।

अब स्टैनफोर्ड द्वारा टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होना उनके वैज्ञानिक योगदान और शोध की वैश्विक स्वीकृति का प्रमाण है। यह उपलब्धि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व की बात है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।